ग्रिड एक तरह से बिजली की तारों का नेटवर्क होता है जिसके द्वारा उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया कराई जाती है | कहने का तात्पर्य यह है की बिजली उत्पादन से लेकर आपके घर तक बिजली पहुंचाने में जिस माध्यम का प्रयोग करते हैं उसको ग्रिड कहा जाता है | साधारण भाषा में कहें तो पावर ग्रिड, उत्पादकों से उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाने के लिए एक परस्पर नेटवर्क है। इस पावर ग्रिड के तीन स्टेज होते हैं - विद्युत उत्पादन
- विद्युत का प्रसारण
- विद्युत वितरण
प्रथम चरण में बिजली का उत्पादन किया जाता है | जो की किसी नदी पर बांध बनाकर किया जाता है
दुसरे चरण में विदूयत का वितरण किया जाता है जो की करार के आधार पर होता है इसे विद्युत् का प्रसारण किया जाता है | इसमें प्रसारण के दौरान विद्युत को उच्च वोल्टेज में परिवर्तित किया जाता है |
इसके बाद राज्य के अंदर स्थित विद्युत स्टेशन तक इसका वितरण किया जाता है | इस प्रसारण को ही विद्युत् वितरण कहते हैं | इसके बाद ये पावर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंचाई जाती है | जहाँ लगे ट्रांसफर्मर इस उच्च वोल्टेज को एक अलग वोल्टेज में परिवर्तित करता है जिसे से कि घरों में इस बिजली का घरों में प्रयोग हो सके | कोयला, पानी, प्राकृतिक गैस, नाभिकीय, तेल और पवन सभी ऐसे तरीके हैं जिनसे हम विद्युत् का उत्पादन करते हैं।
पानी : इसमें बिजली का उत्पादन चलते पानी से किया जाता है | इसमें पानी को बाँध बनाकर उचाई से गिराया जाता है यह गिरता पानी एक टरबाइन को चलायमान करता है जिस से बिजली पैदा होती है |
कोयला : कोयला संयंत्र में भाप पैदा करने के लिए बायलर में कोयला जलाकर बिजली का उत्पादन करते हैं | इस भाप से टरबाइन चलाकर बिजली पैदा की जाती है |
हवा : आपने अक़्सर देखा होगा समुद्री किनारों और पहाड़ों पर बड़ी-बड़ी पवन चक्कियों को लगा देखा होगा | इन पवन चक्कियों का उपयोग से एक जनरेटर को चलाया जाता है इस से विद्युत् उत्पन्न होता है | यह दीर्घकालिक अवधि में विद्युत् का एक स्थिर स्रोत है। यह भविष्य में विद्युत् की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक विश्वसनीय संसाधन है।
नाभिकीय : इसमें पावर प्लांट एक शीतलन कक्ष का उपयोग करके रिएक्टर नाभिकीय विभाजन से ऊर्जा का दोहन करता है जो रिएक्टर कोर से गर्मी को हटा देता है। वे एक शीतलन प्रणाली का उपयोग करके ऐसा करते हैं जो भाप उत्पन्न करता है, जो एक भाप टरबाइन को शक्ति देता है। टरबाइन भाप को यांत्रिक ऊर्जा और फिर विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
इन तीनो चरणों में विद्युत् वितरण के लिए जिस नेटवर्क का प्रयोग होता है उसको ही पावर ग्रिड कहा जाता है | भारत में कुल पांच पावर ग्रिड है
- नॉर्थर्न ग्रिड- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़
- ईस्टर्न ग्रिड- पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा, सिक्किम
- नॉर्थ-ईस्टर्न ग्रिड- अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा
- वेस्टर्न ग्रिड- महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, गोवा
- साउथर्न ग्रिड- तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पुड्डुचेरी
हमारे देश भारत में विद्युत प्रसारण ४९-५० HTZ की फ्रीक्वेंसी पर होता है | अगर किसी कारण से विद्युत इस फ्रीक्वेंसी से कम या ज्यादा होती है तो विद्युत् ग्रिड फ़ैल होने का संकट पैदा हो जाता है | इसे ही ग्रिड फ़ैल होना कहते हैं जिससे विद्युत प्रसारण ठप्प हो जाता है |
------------------ENGLISH --------------------
The grid is a kind of electrical wiring through which electricity is provided to consumers. It means to say that the medium which is used to produce electricity from electricity to your home is called the grid. In simple terms, the power grid is an interconnected network to deliver electricity from producers to consumers. This power grid has three stages.
- Power Generation
- Transmission of electricity
- Power distribution
Electricity is produced in the first phase. Which is done by building a dam on a river.
In the second phase, Vidyut is distributed, which is done on the basis of agreement. In this, electricity is converted to high voltage during transmission.
After this, it is distributed to the power station located inside the state. This transmission is called electrical distribution. After this power is delivered to the populated areas. Where the transformer engaged converts this high voltage to a different voltage so that this power can be used in the homes in the homes.
Coal, water, natural gas, nuclear, oil and wind are all ways in which we produce electricity.
Water: Electricity is produced by running water in it. In this, the water is made from the dam and it is dropped from a height, this falling water drives a turbine which produces electricity.
Coal: To produce steam in a coal plant, they burn coal in a boiler and produce electricity. This steam generates electricity by driving the turbine.
Wind: You must have seen the big windmills on the seashore and mountains. Using these windmills, a generator is run, this generates electricity. It is a stable source of electricity in the long term. It is a reliable resource to meet future electricity needs.
Nuclear: In this, the power plant harnesses the energy from the reactor nuclear partition using a cooling chamber which removes heat from the reactor core. They do this using a cooling system that generates steam, which powers a steam turbine. The turbine converts steam into mechanical energy and then electrical energy.
The network that is used for power distribution in these three phases is called the power grid. There are a total of five power grids in India
- Northern Grid - Punjab, Haryana, Rajasthan, Delhi, UP, Uttarakhand, Himachal Pradesh, Jammu and Kashmir, Chandigarh
- Eastern Grid - West Bengal, Chhattisgarh, Bihar, Jharkhand, Odisha, Sikkim
- North-Eastern Grid - Arunachal Pradesh, Nagaland, Assam, Meghalaya, Manipur, Mizoram and Tripura
- Western Grid - Maharashtra, Gujarat, Madhya Pradesh, Goa
- Southern Grid - Telangana, Tamil Nadu, Kerala, Karnataka, Andhra Pradesh, Puducherry
In our country, power transmission in India is at a frequency of 49-50 HTZ. If for some reason the power is more or less than this frequency, then there is a danger of electric grid failure. This is said to be a grid failure, which causes the power transmission to stop.
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