विपक्ष और गठबंधन की आलोचना के बाद एनडीए सरकार ने 20 सितंबर 2020 को कृषि सुधार बिल संसद को पारित कर दिया। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के इस्तीफे के बावजूद भी इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया। प्रधानमंत्री सहित सभी मंत्रियों का स्पष्ट स्पष्टीकरण कि यह विधेयक किसानों के जीवन के लिए गेम-चेंजर है। इस बिल के होने से किसान अपने फसल पर निर्णय लेने के लिए अधिक शक्तिशाली होगा। आइए तीन बिलों के बारे में विस्तार से जानें पहले बिल के अनुसार , किसान एपीएमसी बाजार के बाहर अपनी उगाई गई फसल को बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। इस विधेयक के लागू होने के बाद, किसानों को निकटतम एपीएमसी में अपनी फसल को बेचने के लिए कोई बाध्यता नहीं होगी। इस बिल के अनुसार किसान अपनी पसंद केअनुसार बाजार में अपनी फसल देश में कहीं भी बेच सकता है। परिवहन एवं कर में कमी कर उनको फसल का ज्यादा दाम दिलाना | इ-ट्रेडिंग के माध्यम से किसानो को पुरे देश भर के प्राइस की कीमत को उपलब्ध करना | मंडियों के अलावा अनाज भंडारण, कोल्ड स्टोरेज और फार्मगेट पर भी व्यापर की स्वतंत्रता | किसानो को बिना बिचौलिओं के बिना सीधे व्यापारियों